पालक की बच्ची कच्ची छोटी पालक… और फिर गुनागुनाने लगा।
" हाए मार डाला, अल्लाह मार डाला,
किसने ये मुझ पर हरा रंग डाला ",
"अबे ओ गायक की दुम चुप कर अपना ये बेसुरा सरगम, नही तो यहाँ से सब भाग खड़े होंगे।", दीपिका ने कहा।
"अरे डिअर अच्छा है ना फिर अपना ही राज होगा", कहते हुए राज बड़े ही स्टाइल में पैरों को मेज पर और चश्मा लगाते हुए अपने हाथों को सिर के पीछे रख लेता है",
सिमरन बोली, "हो गयी साले की नोटंकी शुरू?",
",तू तो मुझ से ही जलती है कोई और तो तुझे नज़र ही नही आता है। मैं दिखा नही फट जाती है एटम बम की तरह इतना फटेगी तो एक दिन स्वाहा हो जाएगी।", समीर ने कहा। तभी वहां एक मशरूम पिज्जा लेकर कैन्टीन से दीपू आया।
सिमरन के सामने वैसे किसी की चलती तो नही है पर पूरे कॉलेज में पलक, दीपिका , सिमरन , रवि और समीर का गैंग फेमस है। पांचों का ग्रुप बहुत ही मजेदार है। रवि समीर और सिमरन में खटपट चलती ही रहती थी पर फिक्र भी करते हैं एक दूसरे की और समीर और दीपिका छुप छुप के ही अपनी अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं जिसकी भनक किसी को नहीं।
समीर और दीपिका चुप चुप के ही एक दूसरे को देख रहे थे पलक फिर से अपनी रंगीन दुनिया मे चली गयी रवि पलक को देख कर फिर से गाना गाने लगा,
" मेरे सपनों का राजा कब आएगा तू
आई ऋत मस्तानी कब आएगा तू
चला आ चला आ तू चला आ "
"कोई राजा नही है मैं तो बस तुम सब को देख रही थी समझा न। ",
"नही समझे हम तो उसका नाम बताए तो कुछ समझे", रवि ने कहा।
'ऐसे कैसे समझे', पलक मुँह बनाते बोली, 'हुए पिट जाएगा रवि तू',
"अरे यार जिसे देखो मारने पर आ जाता है अब से मैं… और उसने अपने मुँह को हाथों से बंद करने का इशारा किया…अब न बोलू…
सभी हँसने लगते है।
"साले हँस ले समीर तुझे तो देख लूंगा तुझे और तुम तीनो को भी, पर अभी तो मेरे पेट मे हाथी कबड्डी खेल रहे है। पहले उसका तो कुछ करो यारो नही तो मैं यही टे न बोल जाऊँ", बोलता हुआ वह कुर्सी पर आड़ा टेढ़ा लेट गया।
पलक बोली, 'जा समीर ले आ इसके लिए कुछ खाने को जब तक ये जो रखा है इस को प्रसाद समझ कर ग्रहण करे देवदास महाराज।',
'जो आज्ञा देवी जी आपकी इच्छा अवश्य पूर्ण होगी बोलने के साथ ही रवि तो टूट पड़ता है। समीर और दीपिका उठकर खाना लेने निकल गए।
पलक बैठी हुई सामने देख रही होती है उसे सामने से उसे कल वाला लड़का आते हुए दिखाई देता है पहले तो सोचती है शायद ये उसका भ्रम है तो वो दूसरी ओर देखने लगती है और वो लड़का भी सीधे कॉलिज में चला जाता है वो पलक को नही देख पाता , सब खा पी कर अपनी अगली क्लास के लिए निकल पड़ते है।
क्लास में जाते हुए पलक की टक्कर हो जाती है जैसे ही वो गिरने वाली होती है तो कोइ आ कर उसे अपनी बाहों में भर लेता है पलक उसे फिर से देख कर खो सी जाती है अपनी बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखती रहती है। इधर सिमरन टक्कर मारने वाले को बातें ही सुनाने लग गयी, 'आँखे है या बटन दिखते हुए भी इतनी बड़ी लड़की दिखाई नही दी अबे ओ कनखजूरे दिखा नहीं तुम्हे रोहन..?' रोहन ने पलक को खड़े होने के लिए कहा और वहां से जाने लगा।
पर रोहन इतनी जल्दी में था कि उसने सिमरन की बातों को अनसुनी कर दी ,ये बात सिमरन को समझ नही आई क्यों कि रोहन एक अच्छा लड़का था वह उसे पडोसी होने के नाते जानती थी, कभी कभी वो अपने भाई के यहाँ आता रहता था और अभी हाल ही में उसने उसकी ही मदद से कॉलेज ज्वाइन किया और एक सप्ताह बाद आज पहली क्लास अटैण्ड करने आया। सिमरन दीपिका को बोल कर रोहन के पीछे पीछे चली जाती है !
सिमरन मुँह फट थी पर दिल की बहुत अच्छी थी सब की मदद के लिए तैयार रहती थी वो रोहन को आवाज़ लगाती है पर रोहन वहां से सीधा पार्किंग निकलता है और अपनी बाईक लेकर चला जाता है। सिमरन भी उसका पीछा करती है। रोहन सीधा अपनी बाइक को हॉस्पिटल के सामने रोक देता है।
सिमरन बोलती है,'ये हॉस्पिटल में, क्या हो गया? सब ठीक हो हे भगवान!',
उधर ज़ब पलक ने जाना कि सिमरन उसे जानती है और उसका नाम रोहन है तो वो थोड़ी चौंक गयी… ये इसे कैसे जानती है, वैसे तो लड़को से हाथ भर की दूरी रखेगी और इसे जानती है। मुंहफ्ट होने की वजह से वह उसे अपनी दोस्त कम ही समझती थी।
जारी है ..........
shweta soni
23-Jul-2022 05:08 PM
Nice 👍
Reply
Reyaan
15-Apr-2022 03:57 PM
Very nice part 👌
Reply
क्रिया क्रिया
24-Mar-2022 01:11 AM
वाह वाह खूबसूरत कहानी लिखी है।
Reply